Anand No Garbo 4.1

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करीबन Anand No Garbo

श्री माताजी ने 13 वर्ष की आयु में वल्लभ भट को दर्शन दिए और उन्हें देवी सरस्वती के रूप में आशीर्वाद दिया और उन्होंने 'आनंद नो गरबो' लिखा। आनंद नो गरबो का नियमित गायन करने से किसी की मनोकामना पूर्ति होती है।

इस एप्लिकेशन का उपयोग करके आप कभी भी और कहीं भी "आनंद नो गार्बो" सुन और पढ़ सकते हैं।

सुविधाऐं - दर्शन के लिए बहुचार मां फोटो - गुजराती में स्पष्ट पठनीय गीत - आनंद नो गार्बो का ऑडियो - बहुचार बावनी का ऑडियो - ऑडियो पृष्ठभूमि में खेला जा सकता है - प्ले/पॉज़/स्टॉप ऑडियो