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पं श्री राम शर्मा आचार्य ने संपूर्ण वैदिक वंगमैया का अनुवाद किया और जीवन के सभी पहलुओं पर 3000 से अधिक पुस्तकें लिखने की उपलब्धि हासिल की। श्रेणी भारतीय संस्कृति और धार्मिक, सामाजिक सुदृढीकरण, गायत्री, यज्ञ-कर्मकांड-संस्कार, कथा और पुराण साहित्य, विज्ञान और अध्यात्म, स्वास्थ्य और चिकित्सा, शिक्षा और स्वरोजगार से संबंधित पुस्तकें खरीदें,

पं श्री राम शर्मा आचार्य एक ऋषि, दूरदर्शी और सुधारक, आचार्य ने युग के परिवर्तन के लिए एक आंदोलन की शुरुआत की, भक्त तप का अनुशासित जीवन जिया, हिमालय का कई बार भ्रमण किया और आध्यात्मिक श्रेष्ठता प्राप्त की।

आगे जानिए पं. श्री राम शर्मा आचार्य हिंदी में - पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एक ऋषि, एक दूरदर्शी और एक सुधारक, आचार्य, युग के परिवर्तन के लिए एक आंदोलन शुरू की भक्त तपस्या का एक अनुशासित जीवन जिए, हिमालय में कई बार दौरा किए और आध्यात्मिक श्रेष्ठता प्र ाप्त किए।

परम पूज्य गुरुदेव का वास्तविक मूल्यांकन तो कुछ वर्षों बाद इतिहासविद, मिथक लिखने वाले करेंगे किन्तु यदि उनको आज भी साक्षात् कोई देखना या उनसे साक्षात्कार करना चाहता हो तो उन्हें उनके द्वारा अपने ह ाथ से लिखे गये उस विराट् परिमाण में साहित्य के रूप में-युग संजीवनी के रूप में देखा जा सकता है, जो वे अपने वजन से अधिक भार के बराबर लिख गये । इस साहित्य में संवेदना का स्पर्श इस बारीकी से हुआ है कि लगता है लेख नी को उसी की स्याही में डुबाकर लिखा गया हो । हर शब्द ऐसा जो हृदय को छूता, मनो व विचारों को बदलता चला जाता है । ल&;ता चला जाता है । लाखों-करोड़ों के मनों के अंतःस्थल को छूकर उसने उनका कायाकल्प कर दिया । रूसो के प्रजातंत्र की, कार्लमर्क्स के साम्यवाद की क्रान्ति भी इसके समक्ष बौनी पड़ी जाती है । उनके मात्र इस युग वा ले स्वरूप को लिखने तक में लगता है कि एक विश्वकोश तैयार हो सकता है, फिर उस बहुआयामी रूप को जिसमें वे संगठन कर्ता, साधक, करोड़ों के अभिभावक, गायत्री महाविद्या के उद्धारक , संस्कार परम्परा का पुनर्जीवन करने वाले, ममत्व लुटाने वाले एक पिता, नारी जाति के प्रति अनन्य करुणा बिखेरकर उनके ही उद्धार के लिए धरातल पर चलने वाला नारी जागरण अभियान चलाते देखे जाते हैं , अपनी वाणी के उद्बोधन से एक विराट् गायत्री परिवार एकाकी अपने बलबूते खड़े करते दिखाई देते हैं तो समझ में नहीं आता, क्या-क्या लिखा जाये, कैसे छन्दबद्ध किया जाय , उस महापुरुष के जीवन चरित को ।