Bachon Ki Tarbiyat in Urdu 1.0

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करीबन Bachon Ki Tarbiyat in Urdu

आम तोर बराबर माता पिता ये खेयाल करते हैं केह आगर बाचे की बात ना मणि जाय जो जिद हो जटा है, जब केह मुहल्ला है के बार अक्स है । जब माता-पिता बाचोन की मुहाबबत में की हर खुहिश के आते हथियार दाल डेते है कि बाचे की जिद बरहने लागी है । akser लॉग Hakeemi nuskhe sy bachon ko hony वली bemaryon sy ilaj krwaty अपनी अच्छी है । हर माता-पिता अपने बच्चों को बहुत अच्छी तरह से लाना चाहते हैं । कई बार वे गलती कर रहे है और चिंतित हैं । यहां उर्दू में बच्चों को लाने के कुछ टिप्स दिए गए हैं । उर्दू में लेख पढ़ें। Aulaad के परवार्श 1- बचन की हर बात मने की सूरत में मीन जिद और पीर बागावत जनम लेटी है । 2-बाचे के मिजाज की ना हम वारी दुर् केन के लिये तशद्दद का रस्ताह इख्तियार कर्ण तबाह कुन सबित होता है । 3- माता-पिता को अपैन बाचे की हर शराफत को बुरा तमजी फिर अपना लिये परेशानी तवावार नाही कर्ण चहिये ।