Bani Guru Granth Sahib Ji 1.0

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करीबन Bani Guru Granth Sahib Ji

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी गुरु ग्रंथ साहिब या आदि ग्रंथ सिख धर्म का धार्मिक पाठ (गुरबाणी) है। इनमें 1469 से 1708 तक सिख गुरुओं की अवधि के दौरान संकलित और रचित 1430 अंग होते हैं। यह भगवान के गुणों का वर्णन करने वाले भजन (शबद) या बाणी का संग्रह है और क्यों किसी को भगवान के नाम पर ध्यान करना चाहिए। दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह (1666–1708) ने पवित्र पाठ आदि ग्रंथ को अपना उत्तराधिकारी बताते हुए गुरु ग्रंथ साहिब को ऊंचा करने की पुष्टि की । पाठ सिखों का पवित्र ग्रंथ बना हुआ है, जिसे दस गुरुओं की शिक्षाओं के रूप में माना जाता है । प्रार्थना के स्रोत या मार्गदर्शक के रूप में आदि ग्रंथ की भूमिका सिख धर्म में पूजा में निर्णायक है । श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में विभिन्न भट साहिबों और भगतों द्वारा बाणी भी शामिल है ।

मेजर नितनेम बान्नियां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी से हैं यानी सुखमणि साहिब जपुजी साहिब आनंद साहब रिआस साहब कीर्तन सोहिला