Haripath in Marathi | हरिपाठ 1.8
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करीबन Haripath in Marathi | हरिपाठ
|| जयजयरामक #2371;ष्णा #2361;री। हरिपाठ म्हणजे नेहमी ईश्वराचे नामस्मरण करण्यासाठी केलेली अभंग रचना. वारकरी संप्रदायामध्ये हरिपाठाला महत्वाच स्थान आहे. संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत एकनाथ, संत नामदेव आणि संत निवृत्तीनाथ यांनी हरिपाठाचे अभंग रचलेले आहेत. यामध्ये मुख्यत्वे संत ज्ञानेश्वर महाराज कृत हरिपाठाचे अभंग जास्त गायले जातात. - श्री ज्ञानॆश्वरमहाराजकृत हरिपाठाचॆ अभंग - श्री नामदॆवमहाराजकृत हरिपाठाचॆ अभंग - श्री ऎकनाथमहाराजकृत हरिपाठाचॆ अभंग - श्री तुकाराममहाराजकृत हरिपाठाचॆ अभंग - श्री निवृत्तिमहाराजकृत हरिपाठाचॆ अभंग मराठी में हरिपथ । मराठी अबांग । मराठी में दैनिक प्रार्थना हरिपथ पर मराठी संत श्री संत दन्यांश्वर महाराज, श्री संत नामदेव महाराज, श्री संत एकनाथ महाराज, श्री संत तुकाराम महाराज, श्री संत निवरुतुनाथ महाराज द्वारा लिखित अभंसास का संग्रह है। इस अभनगों को भगवान विट्टल के लिए प्रार्थना के रूप में गाया जाता है जिसे विथोबा के नाम से भी जाना जाता है। एकादशी पर वार्षिक सभा के दौरान वरकारियों ने हरिपथ गायन पंढरपुर में आकर। दन्यानेश्वर बस इतना कहते हैं, "उसे याद करने में पल बिताएं और उनके नाम का जाप करें, "हरि मुखे म्हाना"। जय जय राम कृष्ण हरि, हरिपथ भारत में वराकारी सम्प्रेम के लिए प्रतिदिन छंद का जप करते हैं।