NavaGraha Stotram 3.0.2

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करीबन NavaGraha Stotram

नवग्रह हिंदू खगोल विज्ञान के नौ (नव) प्रमुख खगोलीय पिंड (ग्रास) हैं। इन खगोलीय पिंडों का नाम सूर्य (सूर्य), चंद्र (चंद्रमा), मंगला (मंगल), बुद्ध (बुध), बृहस्पति (बृहस्पति), शुकरा (शुक्र), शनि (शनि), राहु (उत्तर चंद्र नोडे) और केतु (दक्षिण चंद्र नोडे) है। दक्षिण भारत के कई मंदिरों में नवग्रहों को समर्पित एक मंदिर है। माना जाता है कि नवग्रह स्तोत्र ग्रहों को शांत करने और वाचक की रक्षा करने के लिए माना जाता है ग्रहों का बुरा प्रभाव। इस स्टोत्र में नौ ग्रहों के नौ मंत्र होते हैं इस में नवग्रह स्तोताराम आदित्य हृदुयाम चंद्र कावशम राहु कावखम केतु कावखम शुकरा कावशम शनि कावशम