Qunoot e Naazilah Complete Offline 8.10.20

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करीबन Qunoot e Naazilah Complete Offline

जब मुसलमान समुदाय कुछ कठिनाइयों से पीड़ित है तो Qunoot-ए-Naazilah फज्र सलात में गायन किया जाना चाहिए । अपने महान जीवनकाल में सैयदिना रसूल-उल्लाह (सालाहो अलैहे वाससल्लम) ने अत्यधिक संकट के समय में कई अवसरों पर आपदा के समय मिन्नतें (दुआ') की पेशकश की और इस प्रकार अल्लाह (एसडब्ल्यूटी) को उसकी दया और परोपकार के लिए विनती करने की आवश्यकता थी। सैयदीना रसूल-उल्लाह (सालाहो अलाहे वाससल्लम) ने मक्का में कमजोर और दीन-दुखियों के उद्धार के लिए कुतुत नजला बनाया ।