Sweekar Ka Jadu - Turant... 2.0

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करीबन Sweekar Ka Jadu - Turant...

स्वीकार का जादू - तुरंत ख़ुशी कैसे पायें

हर इंसान असली खुशी की तलाश में भटक रहा है। असली खुशी न पाकर, वह उसे धन-दौलत मान-सम्मान पद प्रतिष्ठा, नाम-शोहरत, सुख-सुविधा, मनोरंजन इत्यादि में ढूँढ़ता रहता है। तो क्या इंसान को उपरोक्त बातों से खुशी मिल प ाती है? नहीं ! असली खुशी तो वास्तव में इंसान से कोसों दूर है। उसे पता ही नहीं है कि असली खुशी किसे कहा गया है। प्रस्तुत एप्लीकेशन में सरश्री हमारा हाथ थामकर, हमें असली खुशी की यात्रा पर ले चलते हैं तथा इस विषय पर मार्ग दशन देते हैं। वे बाते हैंकि स्वीकार सुख है और अस्वीकार दुःख का कारण बनता है इसलिए पहले जो जैसा है उसे वैसा स्वीकार करना है। स्वीकार करने के बाद ही इंसान नकली खुशी के बजाय असली आनंद प्राप्त करने के लक्ष ्य को प्राप्त कर सकता है। इस एप्लीकेशन में सात प्रकार की खुशियों के बारे में बताया गया है।

- पहली प्रकार की खुशी यानी झूठी खुशी है उदा. कोई इंसान बस से कहीं जा रहा है और टिकट खरीदने से पहले325;ट खरीदने से पहले ही उसका स्टॉप आने पर वह उतर जाता है। उसके टिकट के पैसे बच गए वह यह सोचकर खुश हो रहा है। हालॉंकि उस वक्त उसे इस बात का आनंद आ रहा है। मगर उसे नहीं पता कि इस तरह के झूठे आनंद की वजह से जो पैसे उसक े पास बच गए उससे उस इंसान के पास आगे आनेवाले हजारों, लाखों रुपए रुक सकते हैं|

- दूसरे प्रकार की खुशी सेकण्ड हॅन्ड खुशी इसमें इंसान सामनेवाले को चिढ़ाकर सताकर आनंद लेता है। किसी का मजाक उड़ाकर मन में गुदगुदी होती है तो अच्छा लगता है।

- तीसरे प्रकार की खुशी उत्तेजनावाली खुशी है, जो उत्तेजना से प्राप्त होती है।जैसे नए साल की पार्टी में जाना, शोर-शराबेवाला रॉक संगीत सुनना। वह इस तरह उत्तेजनावाला आनंद प्राप्त करना।

- चौथे प्रकार की खुशी यानी फॉर्मूलावाली खुशी जैसे संडे + टी.वी या छुट्टी का दिन+पिकनिक = आनंद

- पॉंचवीं प्रकार की खुशी है सेवा से मिलनेवाली खुशी। कुछ लोग अपने कार्यों से समय निकालकर बूढ़ों की, बीमारों, महिलाओं, बच्चों की सेवा का कार्ं की सेवा का कार्य करते हैं।

- छटे प्रकार की खुशी है ईश्वर की दिव्य भक्ति करने के बाद मिलनेवाली खुशी।

- सातवें प्रकार की खुशी यानी आत्मसाक्षात्कार के बाद प्राप्त होनेवाली खुशी। इंसान के पृथ्वी लक्ष्य (इंसान ने जिस कारण इस पृथ्वी पर जन्म लिया तथा अपना लक्ष्य प्राप्त किया) को पा लेने के बाद उच्चतम आनंद प्राप्त होता है।

लेखक के बारे में

सिरश्री का परिचय बचपन में शुरू हुई सिरश्री की आध्यात्मिक खोज ने उन्हें विचार और ध्यान प्रथाओं के विभिन्न स्कूलों के माध्यम से यात्रा पर ले गए । सत्य को प्राप्त करने की प्रबल इच्छा ने उसे अपनी शिक्षण नौकरी त्याग दी । चिंतन की लंबी अवधि के बाद परम सत्य की प्राप्ति के साथ ही उसकी आध्यात्मिक खोज समाप्त हो गई। सिरश्री कहती हैं, "सत्य की ओर ले जाने वाले सभी रास्ते अलग-अलग शुरू होते हैं, लेकिन उसी तरह खत्म हो जाते हैं और समझ के साथ एमडीएश। समझ पूरी बात है। इस समझ को सुनना सत्य को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है ।

इस समझ का प्रसार करने के लिए, सिरश्री ने तेजज्ञान और mdash; बुद्धि और mdash के लिए एक अनूठी प्रणाली तैयार की है, जो किसी को स्वयं सहायता से आत्म-प्राप्ति तक प्रगति करने में मदद करती है ।

उन्होंने एक हजार से अधिक प्रवचन दिए हैं और पचास से अधिक पुस्तकें लिखी हैं । उनकी पुस्तकों का दस से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है और प्रमुख प्रकाशकों जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाउस पब्लिशर्स, जैको बुक्स आदि द्वारा प्रकाशित किया गया है। सिरश्री के पीछे हटने से लाखों लोगों के जीवन में बदलाव आया है और उनकी शिक्षाओं ने वैश्विक चेतना बढ़ाने के लिए विभिन्न सामाजिक पहलों को प्रेरित किया है ।