Vande Mataram (Rashtriya Geet) 2.3

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करीबन Vande Mataram (Rashtriya Geet)

वंदे मातरम (बंगाली लिपि: বন্দেমাত #2480;ম্, देवनागरी: वन्द #2375;ेमातरम #2381;,वंदे एमएंड #257;तरम) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के 1882 के उपन्यास आनंदमथ से एक कविता है। हालांकि 'वंदे मातरम' का शाब्दिक अर्थ है "मैं तुम्हारी, माँ की प्रशंसा करता हूं" श्री अरबिंदो द्वारा अंग्रेजी अनुवाद "मैं तुम्हें, माँ को नमन करता हूं" के रूप में प्रदान किया गया था। इसे बांग्ला और संस्कृत में लिखा गया था। इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे सबसे पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के १८९६ सत्र में रवींद्रनाथ टैगोर ने राजनीतिक संदर्भ में गाया था । आध्यात्मिक भारतीय राष्ट्रवादी और दार्शनिक श्री अरबिंदो ने इसे "बंगाल का राष्ट्रगान" कहा।